12 जनवरी 2009
इंडो-एशियन न्यूज सर्विसलंदन। अगर किशोरवय लड़के और लड़कियां शराब और धूम्रपान की ओर आकर्षित होते हैं तो इसका एक कारण पढ़ाई और स्कूल से जुड़ा तनाव भी है। इसका खुलासा एक नए अध्ययन में किया गया है।सालफोर्ड लोकल प्रशासन की मनोवैज्ञानिक पामेला टेलर ने 15 और 16 वर्ष के 172 लड़के-लड़कियों पर अध्ययन किया। टेलर ने कहा कि किशोर-किशोरी स्कूलों में कई दबावों को झेलते हैं। इसमें लगातार अच्छा परिणाम देने, लगातार परीक्षा और जीवन के महत्वपूर्ण निर्णयों को लेने का दबाव शामिल है।
शोध से पता चला कि छात्रों में सबसे ज्यादा तनाव पाठ्यक्रम से जुड़ा होता है। इसमें निश्चित समय पर पूरा करने की चिंता और शिक्षक के साथ छात्र का संबंध भी शामिल है।यद्यपि, अध्ययन से पता चला कि तनाव से मुक्ति के लिए अधिकतर छात्र संगीत सुनने, टीवी देखने, खेलने और व्यायाम करने जैसे उपायों का सहारा लेते हैं, लेकिन इनमें से कुछ शराब और धूम्रपान की गिरफ्त में आ गए।
शोध से पता चला कि छात्रों में सबसे ज्यादा तनाव पाठ्यक्रम से जुड़ा होता है। इसमें निश्चित समय पर पूरा करने की चिंता और शिक्षक के साथ छात्र का संबंध भी शामिल है।यद्यपि, अध्ययन से पता चला कि तनाव से मुक्ति के लिए अधिकतर छात्र संगीत सुनने, टीवी देखने, खेलने और व्यायाम करने जैसे उपायों का सहारा लेते हैं, लेकिन इनमें से कुछ शराब और धूम्रपान की गिरफ्त में आ गए।
एक कश से हो जाएगी शिशु की मौत
30 अगस्त 2008इंडो-एशियन न्यूज सर्विसवॉशिंगटन। गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने वाली महिलाओं के नवजात शिशुओं की ‘सडन इंफैंट डेथ सिंड्रोम’ (सिड्स) यानी अचानक शिशु की मौत की आशंका बहुत बढ़ जाती है।कैलगरी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अपनी तरह के इस पहले शोध में पाया गया कि जिन बच्चों की मांओं ने गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान किया था, उनमें श्वसन संबंधी समस्याएं होती हैं।
विश्वविद्यालय में शिशु विभाग के प्रोफेसर शबीह हसन ने बताया, “गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान दोधारी तलवार की तरह है। इससे न केवल महिलाओं के समयपूर्व प्रसव की आशंका रहती है बल्कि इससे बच्चों के सिड्स का शिकार होने की आशंका भी बढ़ जाती है।”हसन ने कहा कि समयपूर्व पैदा हुए बच्चों में श्वसन संबंधी समस्या की आशंका होती है। इससे पहले किए गए अध्ययनों से पता चला था कि कम ऑक्सीजन और अधिक कार्बन डॉयआक्साइड के मिश्रण से सिड्स का खतरा होता है, लेकिन अब तक धूम्रपान और सिड्स के संबंधों पर कोई अध्ययन नहीं हो पाया था।
दो अक्टूबर से कश लगाने के 200 रुपए!
09 सितम्बर 2008ibnlive.comनई दिल्ली। अब दो अक्टूबर के बाद से सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान करते पकड़े जाने पर आपको 200 रुपए का जुमाना भरना पड़ेगा। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री अंबुमणी रामदौस ने मंगलवार को दी।इस घोषणा उस निर्णय के एक हफ्ते के बाद हुई है जिसमें कहा गया था कि निजी कम्पनियां धूम्रपान करने वालों के लिए अलग कमरे मुहैया कराने का बहाना देकर बच नहीं सकती और ऐसा तब जब सरकार दो अक्टूबर से कम्पनियों के अंदर धूम्रपान लगाने वालों पर प्रतिबंध लगाने की पूरी तैयारी में है।रामदौस ने कहा, “किसी भी निजी अथवा सार्वजनिक इमारतों में धूम्रपान की अनुमति नहीं दी जाएगी। कम्पनियों के पास अब से धूम्रपान के लिए कोई अलग कमरा नहीं होगा। जो कश लगाना चाहते हैं उन्हें बाहर खुले में जाकर कश लगाना होगा।”रामदौस हमेशा से तम्बाकू और तम्बाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने में आगे रहे हैं।
सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान पर पाबंदी
30 सितम्बर 2008 आईबीएन-7 नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने आगामी 2 अक्टूबर से सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान करने पर पाबंदी लगा दी है। यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक जगह पर सिगरेट पीता हुआ पकड़ा गया तो उसे 200 रुपए का जुर्माना किया जाएगा।इधर उच्चतम न्यायालय ने भी इस कानून पर अंतरिम रोक लगाने से इंकार कर दिया है। इस कानून के तहत अदालत, अस्पताल, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, वकील या आर्किटेक्ट का ऑफिस, शॉपिंग मॉल, पार्क तथा दूसरी सार्वजनिक जगहों पर सिगरेट पीने पर पाबंदी लगा दी गई है। खास बात यह है कि होटल भी इस कानून के दायरे में शामिल किए गए हैं। यदि होटल में कोई आदमी सिगरेट पीते पकड़ा जाएगा तो होटल प्रबंधन पर भी जुर्माना किया जाएगा। इस कानून का तंबाकू कंपनियों ने विरोध किया है। अब देखना यह होगा कि यह कानून सही प्रकार से लागू हो पाता है या नहीं। या इसे भी अन्य दूसरे कानून की तरह धुंए में उड़ा दिया जाता है।
धूम्रपान से गर्भस्थ शिशु को कैंसर का खतरा
14 जनवरी 2009इंडो-एशियन न्यूज सर्विससिडनी। धूम्रपान करने वाली महिलाओं के पेट में पल रहे शिशु को कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है। यह जानकारी ताजा शोध में सामने आई हैं।कैंसर इंस्टीट्यूट ऑफ न्यू साउथ वेल्स (एनएसडब्ल्यू) ने इस बात के पक्के सबूत उपलब्ध कराए हैं कि गर्भावस्था में धूम्रपान करने से कमजोर तथा कम वजन वाले शिशु पैदा होते हैं और ऐसे नवजात शिशुओं को गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में रखना पड़ता है। उप स्वास्थ्य मंत्री (कैंसर) जोडी मैक्के ने कहा कि, “इस शोध के जरिए हमें इस बात के पक्के सबूत प्राप्त हुए हैं कि गर्भावस्था में धूम्रपान करने से नवजात शिशुओं में कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।”कैंसर इंस्टीट्यूट ने एनएसडब्ल्यू में 1994 से 2005 के बीच पैदा हुए शिशुओं के आंकड़े को इसी कालखंड के दौरान यहां पैदा हुए कैंसरग्रस्त शिशुओं के आंकड़े के साथ मिलान किया। इसके तहत पाया गया कि कुल 10.5 लाख नवजात शिशुओं में 948 शिशु कैंसर ग्रस्त
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